Tuesday, March 19, 2024
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हौसलों की उड़ान: नेत्रहीन सौरभ को माइक्रोसॉफ्ट से मिला ये बड़ा ऑफर, झारखंड के लिए गौरव की बात

झारखंड के नेत्रहीन युवक ने ऐसा कमाल किया है जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. दरअसल झारखंड में एक क्षेत्र है टंडवा जहां के युवक महेश प्रसाद गुप्ता के दृष्टिबाधित पुत्र सौरभ को माइक्रोसॉफ्ट ने 51 लाख रुपये प्रति वर्ष का पैकेज ऑफर किया है. जैसे ही यह खबर इलाके में फैली लोग उसकी तारीफ करने लगे और इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में होने लगी. सौरभ आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये हैं. हिंदी दैनिक प्रभात खबर ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की है.

अखबार के अनुसार सौरभ बचपन से ही पढ़-लिख कर कुछ बनना चाहते थे, लेकिन वे बचपन में ही आंख की रोशनी गंवा बैठे. इसके बाद पिता की प्रेरणा और अपनी मेहनत से लक्ष्य हासिल करने में वे सफल रहे. सौरभ वर्तमान में जेइइ मेंस में सफलता पाकर आइआइटी दिल्ली में तीसरे वर्ष में पढ़ाई कर रहे हैं. इसी बीच उनका चयन माइक्रोसॉफ्ट में हो गया.

संत मिखाइल स्कूल, रांची से की पढ़ाई
सौरभ बचपन से ही ग्लूकोमा बीमारी से पीड़ित थे. कक्षा तीन के बाद उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह खत्म हो गयी. लेकिन सौरभ ने हार नहीं मानते हुए आगे की पढ़ाई ब्रेल लिपि में करने की ठानी़ उनके पिता महेश प्रसाद ने उनकी इच्छाओं को पूरा करने में पूरा साथ दिया और नामांकन संत मिखाइल स्कूल, रांची में करा दिया. यहां से उन्होंने सातवीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद सौरभ की जिंदगी में बड़ी रुकावट सामने आयी. सौरभ के पिता ने बताया कि ब्रेल लिपि से आठवीं से दसवीं तक की किताबें ही नहीं छपी थीं. ऐसा लगा कि सारी मेहनत बेकार चली गयी है. उन्होंने बताया कि बहुत आग्रह करने पर सौरभ के लिए सरकार द्वारा पुस्तकें छपवायी गयीं. इसके बाद उनका नामांकन एनआइवीएस देहरादून स्कूल में कराया गया.

देहरादून से मैट्रिक में किया टॉप
एनआइवीएस देहरादून से ब्रेल लिपि से पढ़ाई करते हुए वर्ष 2017 में 9.8 सीजीपीए के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास कर टॉपर बने. इसके बाद टैगोर इंटरनेशनल स्कूल बसंत बिहार दिल्ली में नामांकन कराया गया. जहां कंप्यूटर के सहारे सामान्य छात्रों के बीच पढ़ाई करके 2019 में सौरभ ने 93 प्रतिशत रिकॉर्ड अंकों के साथ आइएससी पास की. आइएससी की पढ़ाई के दौरन ही सौरभ ने जेइइ मेंस क्वालीफाइ कर लिया. मेंस क्वालीफाइ करने के बाद सौरभ ने सामान्य छात्रों की तरह कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग में नामांकन लिया. वर्तमान में वह आइआइटी दिल्ली में इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं.