Thursday, March 28, 2024
कविताएं

हम उस देश में रहते हैं

धर्मनिरपेक्ष संस्कृति जहाँ की, बोली भाषा है अनेक
हम उस देश में रहते हैं|

एक ईश्वर के अनंत रूपों का, होता जहां सम्मान
हम उस देश में रहते हैं|

धर्म पंथ से परे जो देश की आजादी के लिए हुए कुर्बान
हम उस देश में रहते हैं|

देश की आजादी के खातिर जहां बहनो ने किया गहनों का दान,
हम उस देश में रहते हैं|

जहां धरती और नदियों को भी है सम्मान माँ का,
हम उस देश में रहते हैं|

जहाँ ज्ञान धन शक्ति हर रूप में स्त्री का होता है सम्मान ,
हम उस देश में रहते हैं|

अफ़सोस जहाँ बेटों को रात्रि विचरण और बेटियों को मिला घर का कैद,
हम उस देश में रहते हैं|

अफ़सोस जहां बेटों की गलती की सजा बेटियों को दी जाती है,
हम उस देश में रहते हैं|

धर्म ईश्वर के नाम पर जहां की बँट गई जमीं
हम उस देश में रहते हैं|

आज भी लोग राष्ट्र के दुकड़े करने की रचते जहां साजिश
हम उस देश में रहते हैं |

आज भी लोग जहां खुदा, राम के नाम पर फैलाते नफरत
हम उस देश में रहते है|

कहने को बातें तो बहोत हैं , पर समझने वाला नहीं कोई
हम उस देश में रहते हैं|

सदाचार सहिष्णुता पहचान है जिस माटी की
हम उस देश में रहते हैं |

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