Wednesday, November 6, 2024
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सुबह-सुबह उल्टी होती है तो हो जाएं सावधान

kidney disease : आधुनिक युग में मानव जैसे-जैसे विकास कर रहा है, कुछ खास रोग उसी तरह से बढ़ रहे हैं. ब्लड प्रेशर की तरह ही किडनी रोग भी साइलेंट किलर होता है. आजकल अधिकांश लोग कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर आदि से संबंधित रोगों के प्रति जागरूक हो रहे हैं, लेकिन किडनी से संबंधित समस्याओं को लोग नजरअंदाज कर देते हैं. यही कारण है कि इस रोग के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है.

आयुर्वेद में क्या है उपचार
सबसे पहले अपने आहार पर नियंत्रण करें. नमक और मांसाहारी भोजन त्याग दें. यदि सूजन हो, तो पानी कम पीएं. इसके अलावा दर्द की दवा या ब्लड प्रेशर की दवा भी बिना डॉक्टर की सलाह के न लें. प्राय: ऐसा देखा गया है कि जिन इलाकों में सब्जियों में कीटनाशक का प्रयोग अधिक होता है, उन इलाकों में किडनी के रोगी अधिक मिल रहे हैं. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को अनियंत्रित न होने दें. आयुर्वेद में इसके इलाज बताये गये हैं. पुनर्नवा और वरुणादि क्वाथ से इस रोग के लक्षणों से राहत मिलती है. गोक्षुरादि गुगुल दो-दो गोली दो बार पानी के साथ लें. चंद्रप्रभावटी एक-एक गोली तीन बार चिकित्सक की देखरेख में लें. नेफ्रोटिक सिंड्रोम की समस्या होने पर अविपत्तिकर चूर्ण एक-एक चम्मच दिन में दो बार लें. इनमें से कोई भी दवा चिकित्सक के परामर्श से ही लें.

क्या हैं किडनी रोग के शुरुआती लक्षण
सुबह-सुबह जी मिचलाना या उल्टी होने जैसा लक्षण मिले, तो यह किडनी रोग की शुरुआत है. ब्रश करते समय यदि मितली हो, तो सावधान हो जाना चाहिए. इस रोग के मरीज में भूख भी कम हो जाती है. किडनी रोग के अंतिम चरण में यानी किडनी के फेल होने से पहले मरीज बार-बार उल्टी करता है. जैसा कि हम जानते हैं कि हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनियां होती हैं. इनका काम यूरिया, क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड और नाइट्रोजन युक्त टॉक्सिक पदार्थों को रक्त से छान कर बाहर निकालना होता है. अनेक लोग इस रोग से ग्रसित होते हैं और उन्हें पता ही नहीं होता है.

रोग बढ़ने पर लक्षण
टखनों, पैरों और एड़ी के पास सूजन हो और उंगलियों से दबाने पर दाग हो जाये, तो सावधान हो जाएं और डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि सूजन इसका सबसे प्रमुख लक्षण है. हालांकि कुछ रोगों जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम में किडनी ठीक रहने पर भी सूजन हो जाती है. किडनी रोग में भूख कम हो जाती है और उल्टी होती है. अगर 30 वर्ष से कम उम्र में ब्लड प्रेशर हो, तो यह किडनी रोग का लक्षण है. व्यक्ति जल्द थक जाता हो, शरीर पीला हो जाये, बार-बार एनिमिया हो, तो किडनी की जांच जरूर कराएं. इसके अलावे पीठ के निचले हिस्से में दर्द, खुजली, पैरों में ऐंठन इसके लक्षण हैं. पेशाब की मात्रा कम होना, पेशाब में जलन, संक्रमण, पेशाब से रक्त या मवाद का आना भी इस रोग का लक्षण है.