Thursday, March 28, 2024
Latest Newsकविताएं

गेहूँ से आटे का घोल बनाने की ‘घर-घर चक्की’ योजना

हमारे गांव में नेताजी आए
आते ही मुस्कराए
हम तुम लोगों की गरीबी मिटाने आए हैं
‘आलू से सोना’ बनाने टाइप एक गजब ट्रिक लाए हैं
अब से सबकी कमाई होगी डेढ़ गुना
हम लेकर आए हैं जबर्दस्त योजना-
‘हर घर चक्की’
नेताजी की बात सुनकर जनता रह गई
‘हक्की-बक्की’

एक युवक ने पूछा-
2-4 किलो गेहूँ पिसवाने वाले हम लोग
‘घर-घर चक्की’ का क्या करेंगे?
हम गरीबों के जरा-जरा से घर हैं
चक्की क्या अपने सर पर धरेंगे?

नेताजी बोले-महाशय!
मेरे कहने का पहले समझो आशय
जो दिखता है
वो बिकता है
तुमको बता दूँ कि आटे का घोल
आटे से डेढ़ गुना लीटर महंगा बिकता है
‘घर-घर चक्की’ से बेरोजगारी का हल निकलेगा
जब इधर से गेहूँ डालोगे और
उधर से आटे की जगह घोल निकलेगा

चक्की से ऐसी क्रांति आएगी
देखना भाग्य बदल जाएगा तुम्हारा
और साकार होगा ‘गरीबी हटाओ’ का नारा

एक बुजुर्ग ने पूछा-
नेताजी ये अफलातूनी आइडिया
कहां से लाते हैं?

नेताजी छाती चौड़ी करके बोले-
जब-जब हम नानी के घर जाते हैं!

अमिताभ बुधौलिया