ट्रेड स्ट्राइक करेगा भारत, स्मार्टफोन क्षेत्र में चीन को टक्कर देने की तैयारी
केंद्र सरकार की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने आइफोन के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर फोन बनाने वाली विदेशी कंपनियों फॉक्सकॉन, पेगाट्रेन, विस्टॉन और सैमसंग, कार्बन लावा, डिक्सन जैसी कई देसी-विदेशी कंपनियों के 7.3 लाख करोड़ (करीब 100 अरब डॉलर) के मोबाइल फोन के निर्यात प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह सभी आवेदन हाल में शुरू किये गये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआइ) के तहत आये हैं. ये सभी प्रस्ताव इस हफ्ते मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जायेंगे.
इस समिति के सदस्यों में आर्थिक मामलों, व्यय, राजस्व, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, डीपीआइआइटी और विदेश व्यापार महानिदेशक के सचिवों के साथ नीति आयोग सीइओ शामिल हैं. डीजीएफटी के अधिकारियों ने कहा कि आवेदकों में से पांच विदेशी हैं, सात भारतीय हैं और छह अन्य कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हैं. पांच वैश्विक आवेदकों में सैमसंग, फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन की दो इकाइयां हैं. घरेलू कंपनियों में लावा, डिक्सन, माइक्रोमैक्स, पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स, सूजो, कार्बन और ऑप्टिमस हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 22 कंपनियों ने 41,000 करोड़ के पीएलआइ योजना के लिए आवेदन किया था. एप्पल के लिए फोन बनानी वाली कंपनियों और सैमसंग ने अगले पांच सालों में 50 बिलियन डॉलर के फोन के उत्पादन का अनुमान जताया है.
अप्रैल में शुरू हुई थी पीएलआइ योजना : पीएलआइ योजना का उद्देश्य भारत को स्मार्टफोन निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है. इस योजना को इस साल अप्रैल में अधिसूचित किया गया था. यह योजना चीन-अमेरिका व्यापार तनाव के बीच चीन से बाहर जाने के लिए निर्माताओं को भारत में आकर्षित करने के उद्देश्य से लायी गयी है. इसके साथ ही इस योजना का उद्देश्य वियतनाम जैसे मैन्युफैक्चरिंग हब से भी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करना भी है.
आइफोन का उत्पादन शुरू : फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन के पहले से ही भारत में प्लांट चल रहे हैं. एप्पल के नये स्मार्टफोन आइफोन 11 और आइफोन एसइ का उत्पादन भारत में शुरू भी हो चुका है. एप्पल का दूसरा सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरर पेगाट्रॉन अपने कारखाने की स्थापना के लिए यूपी, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से बात कर रहा है.
सैमसंग करेगा 50 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन उत्पादन : इस बीच, सैमसंग, जो अब तक भारत से लगभग 2.5 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात करता है, अगले पांच वर्षों में अपने उत्पादन को 50 बिलियन डॉलर के लायक बनाने की तैयारी कर रहा है. इसमें से 40 बिलियन डॉलर में 200 डॉलर से अधिक मूल्य वाले स्मार्टफोन शामिल होंगे.
घरेलू कंपनियों को मिलेगा बढ़ावा : सैमसंग जो 2.5 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात कर रहा था उसमें 97 प्रतिशत फोन 200 डॉलर मूल्य से नीचे के होते थे. लेकिन पीएलआइ योजना में पात्रता के लिए निर्यात के लिए 200 डॅालर मूल्य से अधिक के फोन को तय कर देने से अब देश में उच्च स्तर के स्मार्टफोन का उत्पादन करेंगे और 15000 रुपये से नीचे की कीमत वाले स्मार्टफोन के लिए घरेलू कंपनियों को मौका मिल जायेगा.जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि यह एक महत्वपूर्ण दौर है क्योंकि यह सुनिश्वित करेगा की घरेलू कंपनियां आगे बढ़ने में सक्षम हों और वर्ल्डक्लास स्मार्टफोन बनाना शुरू कर सकें.