Friday, December 5, 2025
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Etawah incident : यादव कथावाचकों की काट दी चोटी, सिर मुंडवाया

Etawah incident : उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के दांदरपुर गांव की एक घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है. यहां कथित तौर पर ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने यादव जाति के एक कथा वाचक और उसके सहयोगी का सिर मुंडवा दिया. पुलिस ने मामले को लेकर जानकारी दी. इस घटना के बाद राजनीति गरमा गई है. सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है.

पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार देर रात बताया कि घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया जिसपर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह घटना रविवार और सोमवार की मध्यरात्रि को हुई.

कथावाचकों ने जाति छिपाई

इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति का सिर मुंडवाया गया था, उसकी शिकायत के आधार पर इटावा जिले के बकेवर थाने में मामला दर्ज किया गया है. मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अपर पुलिस अधीक्षक को घटना की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. आगे एसएसपी ने बताया कि उक्त घटना के संबंध में दूसरे पक्ष का कहना है कि कथावाचकों ने उनसे जाति छिपाई.

दांदरपुर गांव में भागवत कथा के लिए बुलाया गया

मीडिया से बातचीत में पीड़ित कथा वाचक ने कहा, ‘‘ मैं पहले एक प्राइवेट स्कूल चलाता करता था लेकिन सरकार ने स्कूल बंद करवा दिया, इसलिए मैं भागवत कथा करने लगा और कथा वाचक मुकुट मणि का सहायक बन गया.’’

उसने कहा, ‘‘हमें 21 जून से दांदरपुर गांव में भागवत कथा के लिए बुलाया गया था. हमसे हमारी जाति पूछी गई. इसके बाद मुझे पूरी रात प्रताड़ित किया गया और मेरे बाल मुंडवा दिए गए.’’ घटना को लेकर समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों के साथ एसएसपी से मिला और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की.

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा– लखनऊ में ‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ के पीड़ितों का सम्मान किया गया और उनकी आर्थिक हानि के लिए सहायता राशि दी गयी व जिस दृष्टिहीन कलाकार की ढोलक छीनी गयी, उसे नई ढोल भी दी गयी. भागवत कथा तो सबके लिए है, जब सब सुन सकते हैं तो सब बोल क्यों नहीं सकते? ⁠भागवत तो भगवान कृष्ण से जुड़ी है, अगर सच्चे कृष्ण भक्तों को ही भागवत कथा कहने से रोका जाएगा तो कोई ये अपमान क्यों सहेगा? कुछ लोग कथावाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं.

आगे उन्होंने लिखा कि कथावाचन को जिन्होंने भावना की जगह व्यवसाय बना लिया है, ‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ उन्हीं कुछ प्रभुत्ववादियों और वर्चस्ववादियों की वजह से घटित हुआ है. अगर PDA समाज से इन लोगों को इतना ही परहेज है तो घोषित कर दें कि परंपरागत रूप से कथा कहनेवाले वर्चस्ववादी, PDA समाज द्वारा दिया गया चढ़ावा-चंदा, दान-दक्षिणा कभी स्वीकार नहीं करेंगे. प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी समय-समय पर कभी घर को गंगा जल से तो कभी मंदिर को धुलवाकर PDA समाज का मानसिक उत्पीड़न व अपमान करते हैं, अब सिर तक मुंडवा रहे हैं. भाजपा राज में PDA समाज को हेय दृष्टि से देखा जाता है.