Tuesday, November 18, 2025
Latest NewsVideoबड़ी खबर

Viral Video : कर्नाटक के जंगल की गुफा में दो बच्चों के साथ क्या कर रही थी रूसी महिला? हलचल हुई तो पहुंची पुलिस

Viral Video : एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. कर्नाटक के गोकर्णा में एक 40 वर्षीय रूसी महिला अपनी दो छोटी बेटियों के साथ एक गुफा में रहती हुई पाई गई. यह महिला गोकर्णा के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित घने जंगलों में पुलिस की नियमित गश्त के दौरान मिली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला की पहचान मोही के रूप में हुई है, जो पिछले कुछ वर्षों से रामतीर्थ वन क्षेत्र में स्थित एक गुफा में अपनी बेटियों के साथ रह रही थी.

महिला ने ध्यान साधना के लिए एकांत जीवन जीने का निर्णय लिया

मोही भारत गोवा के रास्ते आई थीं और गोकर्णा पहुंचीं. बताया जा रहा है कि उसे ऐसा किया क्योंकि उसने ध्यान साधना के लिए एकांत जीवन जीने का निर्णय लिया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, वह गुफा के अंदर प्रतिदिन पूजा-पाठ करती थीं. गुफा से भगवान रुद्र की एक छोटी मूर्ति भी मिली है. वह अपने बच्चों के साथ प्रकृति के बीच एकांत में जीवन व्यतीत कर रही थीं.

गश्त कर रही पुलिस टीम की नजर महिला पर पड़ी

महिला 9 जुलाई को गुफा के अंदर मिली. एक मामूली भूस्खलन की रिपोर्ट के बाद क्षेत्र में गश्त कर रही पुलिस टीम ने वहां हलचल देखी. इसके बाद उन्हें कुछ शक हुआ. जब पुलिसकर्मी गुफा के पास पहुंचे, तो उन्होंने महिला और उसके बच्चों को अंदर पाया. यह क्षेत्र भूस्खलन, जंगली जानवरों और सांप जैसे विषैले सरीसृपों के कारण खतरनाक प्रतीत हो रहा था. पुलिस टीम ने महिला को समझाकर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही और वहां से जाने के लिए तैयार नहीं हुई.

लंबी मशक्कत के बाद महिला को कुमटा के एक आश्रम में भेजा गया. उसने पुलिस से केवल इतना अनुरोध किया कि उसे आश्रम तक छोड़ दिया जाए. पुलिस ने जब उसके पासपोर्ट के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका पासपोर्ट खो गया है. हालांकि, पुलिस को उसका पासपोर्ट मिल गया और जांच में पता चला कि उसका वीजा 2017 में ही समाप्त हो गया था, जिसके बाद वह भारत छोड़कर नेपाल चली गई थी.

गोवा के रास्ते गुफा तक पहुंची महिला

रिपोर्ट्स के अनुसार, वह नेपाल से अवैध रूप से दोबारा भारत में दाखिल हुई. गोवा के रास्ते गुफा तक पहुंची. इस मामले की जानकारी बेंगलुरु स्थित विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को दी गई है और अब महिला को व उसके बच्चों को रूस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.