अर्शदीप पर हर किसी को है भरोसा, जान लें उनसे जुड़ी ये खास बात
क्रिकेट में सफल नहीं होने पर 2017 में पिता चाहते थे कि कनाडा जाकर अर्शदीप सिंह अपने भाई के पास पढ़ाई करें और अपना करियर संवारे. युवा अर्शदीप ने अपने पिता से विनती करते हुए एक साल का वक्त मांगा. कहा अगर कामयाब नहीं हुए, तो बात मान लेंगे. घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया और अंडर-19 विश्व कप के लिए टीम में चुन लिया गया. आइपीएल में पंजाब किंग्स की ओर से शानदार प्रदर्शन करने के बाद जूनियर विश्व कप विजेता टीम का यह सदस्य अब सीनियर भारतीय क्रिकेट टीम का भरोसेमंद गेंदबाज बन गया है.
कहा जाता है कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाता हैं, तो युवा तेज गेंदबाज ने भी बेहद कम समय में इतना बेहतरीन प्रदर्शन किया कि चयनकर्ता भी उन्हें एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में चुनने के लिए मजबूर हो गये. पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में रविवार को जहां भुवनेश्वर कुमार, हार्दिक पांड्या और चहल जैसे अनुभवी गेंदबाजों ने रन लुटाये, वहीं अर्शदीप ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3.5 ओवर डाले और 27 रन देकर एक विकेट हासिल किया. अर्शदीप ने अब तक 9 टी-20 मैच खेले हैं और 13 विकेट झटक चुके हैं. जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुने जाने की संभावना नजर आ रही है.
अर्शदीप सिंह ने ट्रोलर्स को दिया करारा जवाब
भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्शदीप उन ट्वीट्स और मैसेज को देखकर हंस रहा था. अर्शदीप ने बताया कि वह इन सब चीजों को पॉजिटिव वे में ले रहा है. ऐसी चीजों से उसका आत्मविश्वास और बढ़ता है.
एक गलती प्रदर्शन पर भारी : 36 वर्ष पहले चेतन के साथ भी ऐसा ही हुआ था
भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के ‘सुपर फोर’ मुकाबले में महत्वपूर्ण कैच लपकने से चूक गये, लेकिन 36 साल पहले कुछ ऐसा ही वाकया चेतन शर्मा के साथ हुआ था, जब उनकी गेंद यॉर्कर के बजाय फुलटॉस होकर छक्के के लिए चली गयी थी. चेतन ने तब जावेद मियांदाद को यॉर्कर डालने का प्रयास किया था, जिन्हें तब ‘शारजाह का महाराजा’ कहा जाता था, लेकिन यह फुलटॉस हो गयी. दूरदर्शन के उन दिनों में इसमें सिर्फ सामान्य कवरेज होती थी और अब ही ऐसा है कि शारजाह स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग मैच देख पाते हैं. हमें पता है कि यह छोटा मैदान है, जहां छक्के आराम से लगाये जा सकते हैं.
1986 में ऑस्ट्रेलेशिया कप फाइनल में चेतन के लिए एक गेंद काफी खराब रही, जिसमें वह लेंथ से चूक गये. और अब 2022 में आसिफ अली ने हवा में शॉट खेला और अर्शदीप ने कैच छोड़ दिया, जबकि वैसे वह 11 में 10 बार इसे पकड़ लेते. टीम के सभी साथी काफी निराश हो गये. इन दोनों मैचों के बीच 36 साल का अंतर रहा, लेकिन दर्शक इंसान की सरल सी गलती को भी स्वीकार नहीं कर पाते और तब चेतन इससे काफी भयभीत हो गये थे. बस उम्मीद कर सकते हैं कि रविवार को कैच छूटने से हुई चूक इस 23 साल के खिलाड़ी के दिमाग में गहरा असर नहीं करे, क्योंकि अगर सब ठीक रहता है, तो उसका आगामी वर्षों में विश्व क्रिकेट में टी-20 के अंतिम ओवरों के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज में से एक बनना तय है.
हरभजन बोले : हमारे लिए गोल्ड है अर्शदीप
पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह का बचाव करते हुए लिखा कि अर्शदीप सिंह को कोसना बंद करो, कोई जान बूझकर कैच नहीं छोड़ता है. सोशल मीडिया पर घटिया बातें कर रहे हैं. अर्शदीप गोल्ड है.
कोहली बोले गलतियां करना खेल का हिस्सा
पूर्व कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब मैं पाकिस्तान के खिलाफ पहली बार खेला था, तब मैंने एक खराब शॉट खेला था और आउट हो गया था. हर कोई अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ता है, अर्शदीप भी ऐसा करेगा.
अर्शदीप का नाम खालिस्तान से जोड़ा सरकार ने विकिपीडिया को भेजा नोटिस
भारतीय टीम एशिया कप सुपर-4 दौर के मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ रविवार (चार सितंबर) को पांच विकेट से हार गयी. इस हार के बाद लोगों के निशाने पर बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह आ गये हैं. अर्शदीप ने 18वें ओवर में आसिफ अली का कैच छोड़ा था. उसके बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया. यहां तक कि अर्शदीप का नाम विकिपीडिया पर खालिस्तान से भी जोड़ा गया. इस पर सरकार सख्त हो गयी है और उसने विकिपीडिया के अफसरों को नोटिस भेजा है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विकिपीडिया को नोटिस भेजते हुए कहा कि अर्शदीप सिंह के परिवार के लिए यह खतरा बन सकता है. इससे देश का माहौल भी बिगड़ सकता है. विकिपीडिया पर उनके प्रोफाइल के साथ छेड़छाड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइपी एड्रेस पता करने पर यह मालूम चला कि यह हरकत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से किसी ने की है. इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि इस तरह की गलत सूचना और किसी शख्सियत को जानबूझ कर बदनाम करने की कोशिश इजाजत भारत में संचालित किसी भी प्लेटफॉर्म को नहीं है.